इस साल में 779 अरब रूपये यानी 10.5 अरब डॉलर चोरी और फ्रोड की भेट चढे है रिसर्च के अनुसार DEFi प्लेटफार्म के कारण यह रिस्क बढ़ा है ऐसे प्लेटफार्म यूजर को सेव करने और लैंडिंग बोरोविंग की छुट देते है
ये आप्शन क्रिप्टोकरेंसी में मिलते है जिसमे बैंकों की आवश्यकता नही पड़ती है यह तकनीक फाइनेंस सर्विस के लिए आसन व सस्ती होती है
इस वर्ष DEFi साइट्स पर बहुत कैश आया है अनेको निवेशको को कम ब्याज पर लोन मिला है जिनके साथ हाई रीटर्न का बादा किया है
ब्लाकचैन एनालिटिक्स के अनुसार DEFI एपस के माध्यम से निवेशको को 12 अरब डॉलर का नुकसान हुआ साइबर चोर इन एप में सेंध लगाकर लोगो को लूटते है विकेन्द्रीकत एपस पर अधिक भोरोसा नही हो सकता